योजना की विशेष उपलब्धियां
‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान’ योजना को देशभर में सराहना मिल रही है। नीति आयोग ने देशभर में प्राकृतिक खेती के क्रियान्वयन हेतू हिमाचल प्रदेश के मॉडल को आधार बनाया है। हिमाचल प्राकृतिक खेती को शुरू कर रहे देश के अलग-अलग राज्यों का भी सहयोग कर रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर प्राकृतिक खेती मिशन पर काम किया जा रहा है। इस मिशन के तहत देश भर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
हिमाचल के किसान-बागवानों द्वारा अपनाई जा रही प्राकृतिक खेती को देखते हुए विभिन्न मंचों पर महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय मंत्रियों ने इस योजना की सराहना की है।
योजना के अधीन नवीन प्रयास
नवोन्वेषी स्व प्रमाणीकरण प्रणाली-Innovative Self Certification System- योजना के अधीन दुनियाभर में मान्य राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाली एक अनूठी स्व प्रमाणीकरण प्रणाली तैयार की गई है। यह किसान एवं उपभोक्ता के बीच पारदर्शिता एवं ट्रेसेबिलिटी सुनिश्चित करेगी। इस प्रमाणीकरण से बाजार में उत्पाद बेच रहे प्राकृतिक खेती किसान की आसानी से पहचान की जा सकेगी। यह प्रणामीकरण प्रणाली पूरी तरह से निशुल्क है और इसके तहत किसान को हर वर्ष प्रमाणीकरण की जरूरत नहीं है। अक्टूबर 2022 से इस प्रमाणीकरण के लिए बेवसाइट www.spnfhp.in की शुरूआत की गई है जिसके तहत अभी तक प्रदेश भर के 76,000 से अधिक प्राकृतिक खेती किसानों का पंजीकरण किया जा चुका है। इनमें से 61,000 से अधिक किसान-बागवानों को प्रमाणपत्र प्राप्त हो चुके हैं। यह प्रमाणीकरण पूरी तरह से निशुल्क है और पीजीएस द्वारा स्थापित मानकों को भी पूरा करता है।
प्राकृतिक खेती उत्पाद की मार्केटिंग - साल के 365 दिन शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को प्राकृतिक खेती उत्पाद देने के लिए पायलट आधार पर शिमला शहर में एक आउटलेट खोला गया है। इसकी सफलता के बाद सोलन, चंडीगढ़, दिल्ली सहित प्रदेशभर में प्राकृतिक खेती उत्पाद के आउटलेट खोले जाएंगे। प्रदेशभर में प्राकृतिक खेती कर रहे किसान अपने स्तर पर अपना उत्पाद बेच रहे हैं। ऐसे में उन्हें विशेष पहचान देने एवं स्मार्ट मार्केटिंग के लिए कैनोपी दी गई हैं। यह कैनोपी प्राकृतिक खेती किसान एवं उसके उत्पाद की अलग पहचान बनाने में सहायक हो रही है। इसके अलावा प्रदेश की मंडियों में प्राकृतिक खेती उत्पाद की बिक्री हेतु भी प्रयास किए गए हैं। राज्य की 10 मंडियों में स्थान चयनित कर आधारभूत ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।
किसान-उत्पाद कंपनियां- योजना के अधीन बड़े स्तर पर प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों के उत्पादों के विपणन के लिए किसान-उत्पाद कंपनियां बनाने का काम किया जा रहा है। शुरूआती तौर पर 10 कंपनियां बनाई जा रही हैं जिसमें से शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर मण्डी एवं ऊना में 7 कंपनियों की पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्होंने काम करना शुरू कर दिया है। समय के साथ इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। इन कंपनियों में किसान अपने उत्पाद की कीमत खुद निर्धारित करेगा। तकनीक, विपणन, खाद्य प्रसंस्करण और आदान निर्माण के लिए सहायता करने के साथ इन कंपनियों को एक राज्य स्तरीय फेडरेशन के तहत लाया जा रहा है।
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF)
देशभर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) की शुरूआत की है। इस मिशन के तहत देशभर में प्राकृतिक खेती को किसान समुदाय में लोकप्रिय करने के साथ इस पर अनुसंधान एवं वैज्ञानिक प्रमाणिकता को प्रमुखता दी जाएगी। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत
प्रदेश में राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के क्रियान्वयन के लिए कृषि विभाग ने सभी हितधारकों के साथ बैठक कर इसकी कार्ययोजना बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है।