• मुख्य सामग्री पर जाएं
क+ क क-   English अधिकृत लॉगिन
    Skip Navigation Links
    • मुख्य पृष्ठ
    • हमारे बारे में
      • सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती
      • संगठनात्मक संरचना
      • उपलब्धियाँ
    • योजनाएं
      • क्षमता निर्माण केंद्र
      • किसानों को सब्सिडी
      • अन्य सहायता
    • निवेश सामग्री
      • एसपीएनएफ के चार पहिए
      • कीट प्रबंधन
      • प्राकृतिक खेती - शीघ्र प्रारंभ
    • किसान कार्नर
      • आलेख
      • प्रश्नोत्तरी
      • बुलेटिन
      • सफलता की कहानियां
      • क्या कहते हैं किसान
      • पंजीकृत किसान
      • संसाधन व्यक्ति
    • रिपोर्ट
      • सामान्य रिपोर्ट
      • विभाग की वार्षिक रिपोर्ट
    • गैलरी
      • चित्रशाला
      • वीडियो
    • संपर्क करें

किसानों को सब्सिडी

  • मुख्य मेनू
  • योजनाएं
  • किसानों को सब्सिडी

किसानों के लिए प्रोत्साहन:

प्राकृतिक खेती पर अनुदानः

  • ड्रम की खरीद पर 2250/परिवार (3 ड्रम पर)
  • देसी गाय की खरीद पर 50% तक अनुदान (अधिकतम 25,000 तक)
  • गौशाला के नालीकरण हेतु- 8,000/परिवार
  • संसाधन भंडार के निर्माण हेतु- 10,000/परिवार

 

1 प्रशिक्षण: 

किसानों और विस्तार अधिकारियों में क्षमता विकास के लिए विकास खण्ड, जिला और राज्य स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाऐ जा रहें है। इसके लिए आत्मा के अंर्तगत अनुमोदित दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त किसानों व प्रसार अधिकारियों के लिए प्राकृतिक खेती क्षे़त्रों के भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें

2 खेतों से ही सारी वस्तुएं प्रयोग में लाना:

सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती, खेत से पैदा होने वाली वस्तुओं के प्रयोग पर बल और बाहर से खरीदी जाने वाली वस्तुओं का प्रयोग न करने की वकालत करती है। खेती में प्रयोग होने वाली बुनयादी वस्तुओं के निर्माण में स्वदेशी गाय के मुत्र और गोबर का प्रयोग किया जाएगा। खेतों के लिए जरूरी आदान बनाने में किसानों को सुविधा हो इसके लिए ड्रम और टैंक के लिए 75 फीसदी आर्थिक सहायता दी जाएगी। 2 बीघा से कम जमीन वाले किसानोें को 200 लीटर क्षमता वाला 1 ड्रम, 2 से 5 बीघा जमीन वाले किसानों के लिए 2 ड्रम और 5 बीघा से ऊपर जमीन वाले किसान 3 ड्रम पाने के लिए पात्र होगें। किसान बीटीटी संयोजक की अनुमति से स्ंवय ही ड्रम और टैंक खरीद सकंेगे। इसके लिए उन्हे बीटीटी संयोजक के पास अपने आवेदन जमा करवाने होगें। जहां बीटीएम और एटीएम उन्हें सत्यापित करेगा इसके बाद बीटीटी संयोजक, आत्मा की प्रक्रिया के अनुसार प्रोत्साहन राशि जारी करेगा। इसके लिए केवल सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती से जुड़े किसान ही पात्र होगें व समूह में मिलकर काम करने वाले किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

3 गोशाला का सुधार:

सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की अवधारणा में स्वदेशी गाय का मूत्र सबसे महत्वपूर्ण है। गौमुत्र के संग्रह की सुविधा के लिए गौशाला को पक्का करने के लिए एक परिवार को अधिकतम 80 फीसदी (अधिकतम 8000) रू0 तक की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। गौशाला को पक्का करने के लिए बीटीटी संयोजक अनुमति प्रदान करेगा और किसान प्रतिपूर्ति के लिए सामाग्री, श्रम और लागत के बिल जमा करेगा। स्वदेशी नस्ल की गाय रखने वाले किसान ही प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। बीटीटी संयोजक किसान प्रोत्साहन राशि जारी करेंगे।

4 प्राकृतिक खेती संसाधन भण्डार:

गांव में सभी किसानों के पास स्थानीय गाय नहीं हो सकती है ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए संसाधन भण्डार को चलाने के लिए एकमुश्त 10000 रू0  की सहायता दी जाएगी। इसमें पैकेजिंग सामाग्री, गौशाला का सुधार, आवश्यतानुसार ड्रम और अन्य सामाग्री को भी शामिल किया जाएगा। यह भण्डार कम कीमतों पर जरूरतमंद किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। केवल एक गांव के एक किसान को ही संसाधन भण्डार के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। एटीएम और बीटीएम की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को पीडी, डीपीडी, एसएमएस और बीटीटी संयोजक वाली कमेटी मंजूरी देगी। प्रोत्साहन राशि 3 साल की अवधि के भीतर प्रयोग की जा सकती है।

बीटीटी संयोजक की अनुमति से किसान और उनके समूह अपने स्तर पर बुनियादी ढांचे तैयार कर सकते हंै। बीटीटी संयोजक, बीटीएम/एटीएम के बिलों को सत्यापित करवाने के बाद प्रोत्साहन राशि जारी कर सकता है। आत्मा किसी भी प्रकार के बुनियादी ढांचे और वस्तुओं की खरीद नहीं करेगा लेकिन वे किसानों की बुनियादी ढांचे को तैयार करने की व्यवस्था में सहायता कर सकता है।

अस्वीकरण

यह सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती, हिमाचल प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट है। साइट जानकारीपूर्ण है और वेबसाइट की सामग्री का स्वामित्व और प्रबंधन सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती, शिमला, हिमाचल प्रदेश द्वारा किया जाता है। आप इस वेबसाइट से संबंधित किसी भी प्रश्न, सूचना या सुझाव के लिए वेबसाइट के वेब सूचना प्रबंधक से संपर्क कर सकते हैं।

पता

  • Prakritik Kheti Khushhal Kisan Yojana, State Project Implementing Unit (SPIU), Directorate of Agriculture,Shimla-5, Himachal Pradesh.

  • प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई, कृषि भवन, शिमला,-5 हिमाचल प्रदेश