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- एकमात्र विकल्प प्राकृतिक खेती
- प्राकृतिक खेती किसान परिचर्चा नौणी
प्रदेश में प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना के तहत सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती को अपना चुके किसानों से उनके अनुभवों को सांझा करने और उनको आ रही परेशानियांे को जानने के लिए औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में एक दिवसीय किसान परिचर्चा का आयोजन 4 जनवरी को किया गया। इस मौके पर पांच जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर और उना के 852 किसानों ने माननीय राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी से सीधा संवाद किया और उन्हें अपने अनुभवांे के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना के प्रदेश परियोजना निदेशक श्री राकेश कंवर भी मौजूद रहे। श्री राकेश कंवर जी ने प्राकृतिक खेती अपना चुके किसानों से कहा कि जल्द ही इसी तरह की किसान परिचर्चा जिला और ब्लाॅक व पंचायत स्तर पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस खेती पद्धति के तहत पैदा होने वाले अन्न और सब्जियों को सही मार्केट उप्लब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस खेती पद्धति में देसी नस्ल की गाय होना अति आवश्यक है इसलिए इस दिशा में भी सरकार की ओर से योजना तैयार करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि एक माह के भीतर योजना तैयार की जाएगी और इस योजना के तहत किसानों को 25 हजार तक की आर्थिक सहायता गाय खरीदने के लिए दी जाएगी। राकेश कंवर ने कहा कि हाल ही में 2 जनवरी को नीति आयोग की बैठक में इस योजना को शुरू करने को लेकर हिमाचल प्रदेश की सराहना आयोग के उपाध्यक्ष ने की है और उन्होंने प्राकृतिक खेती को पूरे देश में शुरू करने की सिफारिश की है।
जिले और ब्लाॅक स्तर में बनाए जाएंगे ग्रामीण हाट
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को गाय और उपकरण मुहैया करवाने के लिए योजना को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसानांे के अनाज और सब्जियांे को मार्केट देने के लिए हर जिले और ब्लाॅक में ग्रामीण हाट तैयार किए जाएंगे। अच्छी नस्ल की देसी गाय मुहैया करवाने के लिए योजना तैयार की जा रही है और नस्ल सुधार कार्यक्रम की तैयारियां भी की जा रही हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि गौशाला को पक्का करने और गोमूत्र को एकत्रित करने के लिए गड्ढा तैयार करवाने के लिए मनरेगा का सहारा लिया जाएगा।