SPNF के तहत 14-12-2018 तक की उपलब्धियां

शून्य लागत प्राकृतिक खेती

  • हिमाचल प्रदेश में कृषि एवं इससे सम्बंधित अन्य गितिविधयों से लगभग 69% लोगों को रोजगार मिल रहा है।
  • इस समय 9.61 लाख परिवार 9.05 लाख हैक्टेयर भूमि पर खेती कर रहा है । परन्तु इसमें 80% के लगभग क्षेत्र वर्षा पर आधारित है।
  • पिछले कुछ वर्षो से ध्यान में आ रहा है कि प्रदेश में एकल कृषि प्रणाली की बढौतरी हुई है, रासायिनक उवर्रकों एवं कीट व फफुंदनाशक दवाईयों का प्रयोग अत्यधिक बढा है, बावजूद इसके कृषि एवं बागवानी उत्पादन या तो स्थिर रह रहा है या घट रहा है।
  • इन परिस्तिथियों को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक विशेष प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना आरम्भ की। इस योजना के कार्यान्वयन हेतु पदमश्री श्री सुभाष पालेकर जी द्वारा विकिसत शुन्य लागत प्राकृतिक खेती मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया है।
  • इस खेती विधि से फसल उत्पादन लागत बहुत कम हो जाती है, उत्पादन बढ़ता है, भूमि की उवर्रक क्षमता बढ़ती है तथा किसान ऋण मुक्त हो जाता है।
  • 23 जनवरी, 2018 में सरकार ने इस कार्य हेतु एक टास्क फ़ोर्स गठित की जिसमे कृषि विभाग को नोडल विभाग बनाया।
  • 5 फरवरी, 2018 में कुछ मंत्री, सचिव , विभागां के मुखिया , कुलपति , विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक तथा कृषि विभाग के अधिकारीयों ने इस विधि को देखने के लिए गुरुकुल , कुरुक्षेत्र का दौरा किया।
  • 9 मार्च, 2018 में सरकार ने शून्य लागत प्राकृतिक खेती हेतू 25 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया।
  • 17 मार्च , 2018 में प्रदेश के ही माननीय मंत्रियों , विधायकों , पंचायती राज संस्थाओं के प्रितिनिधियों , कृषि वैज्ञानिको , प्रसार अधिकारीयों एवं उन्नत कृषकों हेतू शिमला में एक कायर्शाला का आयोजन किया।
  • प्रदेश में इस कार्य को हर किसान परिवार तक पहुंचाने के लिए एक प्रदेश स्तरीय परियोजना कार्यान्वयन ईकाई का गठन किया तथा जिला स्तर पर आत्मा परियोजना को इस कार्य हेतू अधिकृत किया।
  • मई, 2018 में तीन-तीन दिन की तीन कायर्शालाओं का आयोजन किया गया :
    - 17 से 19 मई, 2018 को गोपालपुर (पालमपुर)
    - 22 से 24 मई, 2018 गोहर (म􀃖डी)
    - 27 से 29 मई, 2018 को नौणी (सोलन)
    जिसमे लगभग 2100 किसान और 217 कृषि अधिकारी रहे। तत्पश्चात प्रदेश आत्मा पिरयोजना के अधिकारीयों को 6 समूहों में तीन-तीन दिन की कायर्शाला सिमित शिमला में करवाई गई ताकि उन्हें इस विधि का मुख्य उदेश्य व मूल जानकारी प्राप्त हो।
  • प्रदेश के 50 किसानो को नौणी विश्वविद्यालय में एक महीने का प्रशिक्षण दिया गयाः
    - 3 मई 2018 से 1 जून 2018 ‐ 26 किसानो ने भाग लिया।
    - 20 जून 2018 से 19 जुलाई 2018 ‐ 24 किसानो ने भाग लिया!
  • 26 जुलाई, 2018 पालमपुर में प्रदेश के चाय बागानो के लिए भी एक दिन का शिविर का आयोजन किया गया जिसमे 70 के लगभग चाय उत्पादक शामिल हुए।
  • 9 सितम्बर, 2018 को प्रदेश के सभी 78 विकास खण्डो में शून्य लागत प्राकृतिक खेती पर कायर्क्रम आयोजित किए जिसमे प्रदेश की सभी 3226 पंचायतों के 8417 किसानो ने भाग लिया।
  • 21 से 26 सितम्बर , 2018 को 28 किसानो एवं 2 अधिकारीयों के एक समूह ने झांसी में 6 दिन का प्रशिक्षण प्रा􀃜त किया।
  • 28 सितम्बर, 2018 को प्रदेश के 9 जिला के जिलाधीश, 2 जिला के पुलिस अधीक्षक, 5 भारतीय प्रशासिनक सेवा के प्रिशक्षु, 8 हिमाचल प्रशासिनक सेवा के प्रिशक्षु, 15 वरिषड पत्रकार एवं 2 कृषि विभाग के अधिकारियों ने गुरुकुल कुरुक्षेत्र का दौरा कर वहां शुन्य लागत प्राकृतिक खेती दुवारा उगाई जा रही फसलो का निरीक्षण किया।
  • 30 सितम्बर से 5 अक्तूबर, 2018 को 6 दिवसीय कायर् प्रिशक्षण कायर्क्रम पालमपुर, जिला कांगड़ा मे आयोजित किया गया जिसमें 865 किसानों (690 पुरूष 175 महिलायें) व 150 विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया, कुल संख्या 1015 ।
  • 7 से 8 अक्तूबर, 2018 को 69 किसानों व 16 अधिकारियों ने इस विधि को दिखने के लिए गुरुकुल, कुरुक्षेत्र का दौरा किया।
  • 12 अक्तूबर से 16 अक्तूबर, 2018 को 5 दिवसीय कार्य प्रिशक्षण कायर्क्रम कुफरी, जिला शिमला में आयोजित किया गया जिसमें 670 किसानों (608 पुरूष, 62 महिलाये) व 75 विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया, कुल संख्या 745 ।
  • 26 से 27 नवम्बर, 2018 व 30 नवम्बर से 01 दिसम्बर, 2018 तक पशुपालन विभाग एवं बागवानी विभाग के 112 अधिकारियों के लिये दो दिवसीय प्रिशक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
  • अभी तक की जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी जिला में ग्रामीण स्तर पर लगभग एक-एक दिन के 100 के आसपास प्रिशक्षण शिविर लग चुके हैं। जिसमें किसानों को शून्य लागत प्राकृतिक खेती के विभाग पहलुओं की व्यावहारिक जानकारी दी गई।
  • इस रबी मौसम में 94 फामर् स्कूल प्रदेश के विभाग जिला में इस योजना के अन्तगर्त लगाए गए हैं। जिसमें 2383 किसान भाग ले रहे हैं।
  • अभी तक प्रदेश में 1000 के लगभग किसानों ने विभाग फसलों पर शुन्य लागत प्राकृतिक खेती की विधि से खेती करना प्रारम्भ कर दिया है।
  • प्रदेश के 9.61 लाख किसान परिवार को चरणबद्ध प्रणाली से 0.5%2018 में, 5.2%2019 में, 20.8%2020 में, 36.4%2021 में तथा 37.5% की दर से 2022 तक सम􀃨त 100% किसान / बागवान/चाय बागवान इस विधि से जोड़ दिये जायगे।
वर्ष किसान परिवारकी संख्या प्रितशत कुल किसान पिरवार
2018 500 0.05
2019 50000 5.2
2020 200000 20.8
2021 350000 36.4
2022 360265 37.5
कुल 960765 100